Books on VD Savarkar: किताब में लिखा है कि सावरकर जब अंडमान की जेल में कैद थे, तब वह पक्षियों के पंखों पर बैठकर अपनी मातृभूमि की यात्रा करने के लिए उड़ान भरते थे. किताब के एक अंश में लिखा है, 'जेल में एक सुराख भी नहीं था, जहां सावरकर को रखा गया था. https://ift.tt/eFn1Kzr
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