प्रेम में आपका अपना कुछ नहीं होता. सबकुछ दूसरे को समर्पित होता है. प्रेम पर संत कबीर ने अपने एक दोहे में कहा था कि प्रेम गलि अति सांकरी जा में दो ना समाएं. यानी प्रेम की गली इतनी संकरी होती है कि उसमें दो के लिए कोई जगह नहीं होती और किसी एक को तो मिटना ही पड़ता है. https://ift.tt/XonDdbU
कोरोना काल में यदि आप अपने पालतू जानवर को लेकर परेशान हो रहे हैं और संक्रमण के खतरे के खौफ में हैं तो अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. क्योंकि एक कंपनी बिल्लियों के लिए वैक्सीन बनाने की योजना बना रही है. https://ift.tt/eA8V8J
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