मुंबई के सत्र न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा है कि मंगेतर को शादी से पहले अश्लील मैसेज भेजना किसी की गरिमा का अपमान नहीं हो सकता. कोर्ट ने यह भी कहा कि शादी का वादा करके मुकर जाने को धोखा देना या बलात्कार नहीं कहा जा सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने युवक को सभी आरोपों से बरी कर दिया. https://ift.tt/eA8V8J
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