अफगानिस्तान का मंजर देखकर सख्त समझे जाने वाले सैनिकों की आंखें भी नम हो गई हैं. उनके आंसू रोके नहीं रुक रहे हैं. वो सभी की मदद करना चाहते हैं, लेकिन जानते हैं कि ये मुमकिन नहीं. इस मजबूरी ने उन्हें और भी विचलित कर दिया है. काबुल हवाईअड्डे पर महिलाएं रो-रोकर उनसे मदद की गुहार लगा रही हैं. https://ift.tt/eA8V8J https://ift.tt/382W3E0